तकदीर
तन बदलती है, तमन्ना भी
तनहा में रह जाते है, तरह तरह याद भी
अग्निपथ है प्रतीक्षा किस बात की
झेले जतन तो, यत्न किस साथ की
अल्फाज की अंदाज में, आग झेले हम
आह निकलती है, अब क्या राग ले ले हम
तू मायुश, नहीं होश में हो
अनुरोध की आकाश का जोश में हो
तपन तन्हाई का दूर, सप्न सलाहों का हार
एहसास का अनुसार हाल यह बेकार हो
अप्नियत ही इस वक्त तेरा हालत हो
सुख सा सुराख़ का ही, जमात हो!
तकदीर यह क्या, तरक्की की तराजू में
तकल्लुफ न, करे तमन्ना के नाराजी में !
- श्याम प्रसाद
तन बदलती है, तमन्ना भी
तनहा में रह जाते है, तरह तरह याद भी
अग्निपथ है प्रतीक्षा किस बात की
झेले जतन तो, यत्न किस साथ की
अल्फाज की अंदाज में, आग झेले हम
आह निकलती है, अब क्या राग ले ले हम
तू मायुश, नहीं होश में हो
अनुरोध की आकाश का जोश में हो
तपन तन्हाई का दूर, सप्न सलाहों का हार
एहसास का अनुसार हाल यह बेकार हो
अप्नियत ही इस वक्त तेरा हालत हो
सुख सा सुराख़ का ही, जमात हो!
तकदीर यह क्या, तरक्की की तराजू में
तकल्लुफ न, करे तमन्ना के नाराजी में !
- श्याम प्रसाद
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